मध्य प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनने के बाद निरंतर यह सवाल उठ रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे का क्या होगा, 3 दिसंबर को जब मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी किए गए तब कुछ प्रमुख चेहरे मुख्यमंत्री पद के लिए सामने थे जैसे वसुंधरा राजे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद विजयवर्गीय इसके अलावा स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के सभी चेहरे मुख्यमंत्री पद के हेतु भाजपा की सामने रखे थे लेकिन भाजपा ने एक बड़ा झटका देते हुए इन सभी में से किसी चेहरे को ना लेते हुए डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए लिया
मोहन यादव मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री
17 नवंबर को विधानसभा चुनाव पूरे होते ही प्रदेश भर के पूरे जनता विधानसभा चुनाव के नतीजे का इंतजार कर रही थी लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी हुए तो प्रदेश भर की जनता को एक बड़ा झटका लगा, 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रदेश भर की सभी जनता नए मुख्यमंत्री के चेहरे का इंतजार कर रही थी, क्योंकि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के भावी उम्मीदवार चेहरों को छोड़कर एक नया चेहरा मुख्यमंत्री हेतु चुना। डॉक्टर मोहन यादव को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया और 13 दिसंबर 2023 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, आपको बता दें उनकी उम्र 58 साल है, और वे पीएचडी धारित हैं। परिवार में उनके अलावा पत्नी, दो बेटे, और एक बेटी हैं। मोहन यादव ने पहली बार 2013 में उज्जैन दक्षिण से सीट जीती थी और विधानसभा में पहुंची थी। 2018 में फिर से वह विधायक बने और मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा मंत्री के तौर पर कार्य किया था।
वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे को आगामी लोकसभा चुनावों में भाग लेने के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है। यदि राजे इस प्रस्ताव को स्वीकार करती हैं, तो शायद उन्हें केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, उन्हें उनकी पारंपरिक सीट, जो झालावाड़-बारां से है, से हटा दिया जा सकता है। वर्तमान में, उनके बेटे दुष्यंत यहां से सांसद हैं। इस स्थिति में, दुष्यंत के लिए क्या होगा, यह स्पष्ट नहीं है। एक सम्भावना यह भी है कि दुष्यंत को झालरापाटन से विधानसभा में उतार दिया जा सकता है। यह समीकरण वसुंधरा और दुष्यंत के अनुशासन पर निर्भर करेगा। वे पहले से ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, इसलिए नए पद का मिलना मुश्किल हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि शायद उन्हें राज्यपाल के पद पर नियुक्ति मिल जाए।
वसुंधरा के लिए आगे का मार्ग आसान नहीं हो सकता। संभावना है कि उन्हें केंद्र में मंत्री पद मिल सकता है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो उन्हें कोई विशेष पोर्टफोलियो नहीं मिलेगा। जो कुछ भी मिलेगा, वह शायद आखिरी बार होगा, क्योंकि BJP नए नेतृत्व की ओर देख रही है।
शिवराज सिंह चौहान
11 दिसंबर को जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणा की गई तो प्रदेश भर की जनता को एक बड़ा झटका लगा क्योंकि उन्होंने सोचा भी नहीं था ऐसे व्यक्ति का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने लाडली बहन योजना जैसी योजनाओं की शुरुआत की फिर भी उन्हें मुख्यमंत्री पद से वंचित रखा गया इस पर मुख्यमंत्री जी ने एक बड़ा बयान दिया कि “मैं मध्य प्रदेश में हूं और मैं यहीं रहूंगा। मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहता था कि मैं जाकर अपने लिए कुछ मांगने के बजाय मर जाना पसंद करूंगा।”
हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि अब बीजेपी पार्टी में शिवराज सिंह चौहान जी की क्या भूमिका रहेगी लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट से अनुमान लगा रही हैं कि अब शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश को छोड़कर केंद्र में शामिल होना होगा जिसके लिए उन्हें जल्द ही दिल्ली बुलाया जा सकता है, आपको बता दे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी मध्य प्रदेश में 18 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर कार्य किया है एवं उनके द्वारा मध्य प्रदेश में कई जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की गई है इसके साथ ही कई विकास कार्य किए गए हैं एवं लाडली बहन योजना के उपरांत उन्होंने प्रदेश की जनता से एक महत्वपूर्ण संबंध स्थापित कर लिया है, महिलाओं से शिवराज ने एक भाई और बेटा बेटियों से शिवराज ने एक मामा का संबंध स्थापित कर लिया है