First Hindu Temple in Muslim Country: हिंदू धर्म में धार्मिकता की बहुत बड़ी महत्वाकांक्षा औरमान्यताएं हैं ऐसे में हिंदू मंदिर आपको लगभग विश्व के कई जगह पर आसानी से मिल जाएंगे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मुस्लिम देश में भी हिंदू मंदिर हो सकता है? जी जरूर क्योंकि खबर सामने आई है कि पहली बार मुस्लिम देश में भव्य हिंदू मंदिर की स्थापना होने वाली है और बहुत जल्द बनाकर तैयार हो जाएगा मीडिया रिपोर्ट की माने तो हाल ही में इस हिंदू भव्य मंदिर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है जिसे देखकर हर कोई हैरान है क्योंकि इस मंदिर को काफी शानदार तरीकों से डिजाइन किया गया है और अद्भुत बनाया गया है खबर है कि 700 करोड रुपए की कीमत इस मंदिर को बनाने में लगी है इतना ही नहीं 5.4 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर यह हिंदू मंदिर बनाया गया है इस हिंदू मंदिर का उद्घाटन इसी महीने में होने वाला है और यह मंदिर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में बनने वाला है बीएपीएस हिंदू मंदिर (BAPS Hindu Mandir) के नाम से इसे जाना जा रहा है।
पूरे देश में कई तरह के प्रथाएं बनी है हर धर्म की अलग-अलग प्रथाएं होती है धार्मिकता अलग होती है और मान्यता या अलग होती है ऐसे में हिंदू धर्म में भी मंदिरों की मान्यताएं और धार्मिकता बहुत गहरी है जैसा कि आपने जाना होगा अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के कुछ ही सप्ताह बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी में एक महत्वपूर्ण मंदिर का उद्घाटन करने के लिए जाने वाले हैं। अयोध्या रामलला मंदिर पूरे विश्व में काफी प्रसिद्ध मंदिर में से एक स्थापित हुआ है देश का सबसे बड़ा मंदिर माना जा रहा है इसके अलावा बता दे भारत के बाहर भी सबसे बड़े मंदिर का उद्घाटन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं इतना ही नहीं पश्चिम एशिया में भी सबसे बड़ा मंदिर बनने की खबरें भी सामने आ रही है।
मुस्लिम देश में बनने वाला हिंदू मंदिर की खासियत
जैसा कि हमने आर्टिकल की शुरुआत में ही बताया मंदिर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है इसका आर्किटेक्चर भी काफी अद्भुत है लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं मुस्लिम देश में पहले यह हिंदू मंदिर होगा जिनको भारतीयों ने भरपूर प्यार दिया है इतना ही नहीं मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर होने का हिंदू धर्म के लिए बहुत बड़ी बात होती है मंदिर के आर्किटेक्चर की बात करें तो इसमें संयुक्त अरब अमीरात के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करने वाला शिखर के साथ डिजाइन किए गए हैं इनमें उपयोग किए जाने वाले पत्थर गुलाबी बलुआ पत्थर के नाम से जाना जाता है संगमरमर की बड़ी दीवार भी बनाई गई है। खबर है कि मंदिर बनाने में 40000 घन मीटर संगमरमर इसके अलावा 180000 घन मीटर बलुआ पत्थर और 18 लाख से अधिक एट का इस्तेमाल इस मंदिर को बनाने में किया गया है। बता दे पिछले 3 सालों के दौरान राजस्थान और गुजरात के लगभग 2000 से भी ज्यादा कारीगरों ने मंदिर के लिए सफेद संगमरमर के 402 स्तंभों को तराशा है इतना ही नहीं इटली के में से दुनिया से यह संगमरमर लाया गया है।
मंदिर में होगी इतने लोगों की क्षमता
जैसा कि हमने बताया मंदिर को अद्भुत डिजाइन किया गया है इसका आर्किटेक्चर आपका दिल जीत लेगा। अन्य खासियत की और क्षमता की बात करें तो मंदिर परिषद के अंदर एक बड़ा एम्फीथिएटर होगा इसके अलावा लाइब्रेरी होगी, फूड कोर्ट के अलावा एक मजलिस होगी। खबरों की इसमें 5000 से भी ज्यादा लोगों की क्षमता वाले दो कम्युनिटी हॉल भी बनाए गए हैं बच्चे गार्डन में खेल सके उसके लिए बड़ा गार्डन भी बनाया गया है मंदिर की डिजाइन वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरित है जो काफी अद्भुत डिजाइन की गई है इतना ही नहीं इस मंदिर के लिए भारत में कारीगरों के नई मूर्तियां और नक्शा सी तैयार की गई है जिन्हें बाद में अबू धाबी भेजा जाएगा और इस मंदिर में उपयोग किया जाएगा।
मुस्लिम देश में बनने वाला यह सबसे पहला मंदिर और सबसे बड़ा मंदिर माना जा रहा है जो एक तरह का हिंदू मंदिर और हिंदू धार्मिकता से जुड़ा हुआ मंदिर बनाया जा रहा है अभी यह मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है बहुत जल्द यानी की 14 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करने के लिए अबू धाबी जाने वाले हैं।
अबू धाबी हिंदू मंदिर को किसने बनाया है?
अबू धाबी में यानी की मुस्लिम देश में बनाया गया यह मंदिर काफी आध्यात्मिक स्थल होगा भारतीय राजदूतों ने बताया है कि अबू धाबी के बाहरी इलाके में शानदार और अद्भुत नजारा दिखाई देगा पहाड़ी की चोटी पर स्थापित यह मंदिर का नजारा आपको खुश कर देगा इतना ही नहीं पूर्वज जो महात्मा गांधी और शेख जायद की आकांक्षा के अनुसार शांति और परंपरा का प्रमाण भी एहसास होगा। बताया जा रहा है कि राजदूत की घोषणा की अनुरूप मंदिर के उद्घाटन से इसके लिए स्थापत्य कला की एक झलक पाने के लिए लगभग 40 से भी अधिक देशों के राजदूतों के लिए सोमवार को अद्भुत कार्यक्रम की योजना की गई है जिनमें बड़ी तादाद में लोग जमा होने वाले हैं अपने स्वागत भाषण में राजदूत सुधीर ने मंदिर निर्माण पूरा होने पर अपना उस्ताद साझा किया है फिलहाल इस मंदिर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है और भारतीय भी हिंदू मंदिर को लेकर काफी एक्साइटेड से बहुत जल्द प्रधानमंत्री इस मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं।
इस मंदिर का नाम क्या है?
आर्टिकल के शुरुआत में ही हमने इस मंदिर के नाम के बारे में पूरी जानकारी बताइए बता दे बीएपीएस हिंदू मंदिर के नाम से इसे फिलहाल बताया जा रहा है ब्रह्मविहरिदास ने अपने मुख्य भाषण में मंदिर के ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तृत चर्चा की है और इस मंदिर की खासियत के बारे में भी बताया था। यह मंदिर हिंदू धर्म की मान्यताओं संदर्भित बनाया गया है इसका डिजाइन भी हिंदू धार्मिक मंदिर के अनुरूप डिजाइन किया गया है इतना ही नहीं इसकी प्रथाएं भी हिंदू धर्म से अनुरूप होगी बताया जा रहा है कि इस मंदिर को बनाने के लिए कई मजदूरों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है डिजाइन स्ट्रक्चर काफी अद्भुत बनाया गया है।
सब लोग इस मंदिर के उद्घाटन होने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे सबकी नजर इस हिंदू मंदिर के उद्घाटन को लेकर टिकने वाली है क्योंकि पहली बार मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर स्थापित होने जा रहा है जहां पर मुस्लिम धर्म और हिंदू धर्म दोनों एक साथ मिलकर एकता का संदेश देने के लिए तैयार है। मुस्लिम देश में हिंदू धर्म होने का मतलब है कि सबके धर्म भले अलग-अलग हो लेकिन मान्यताएं और प्रथाएं एक है और सब धर्म की अपनी अपनी मान्यताएं हैं इसीलिए हर धर्म को एक जैसा ही सम्मान देना चाहिए और हर धर्म की इज्जत करनी चाहिए। इतना ही नहीं इससे साबित होता है कि पहले ही हर देश के धर्म जाति अलग-अलग हो लेकिन हर एक की मान्यताएं एक ही होती है और इस मान्यताएं और प्रथाओं के साथ धर्म जुड़ा हुआ है इसीलिए हर धर्म को सम्मान देना हर नागरिक का फर्ज है और जिम्मेदारी है।